SEBI ने लिया बड़ा फैसला, क्या हैं T+0 settlement, इससे ट्रेडर को क्या लाभ होगा, जाने पुरे विस्तार से.

T+0 settlement in Hindi

शेयर मार्केट में अब वह होने जा रहा है जो कभी नहीं हुआ निवेशकों के लिए ट्रेडिंग और आसान हो जाएगी इसके लिए सभी ने कुछ अहम फैसले लिए हैं कौन से हैं वह फैसला चलिए बताते हैं आपको आज की इस ब्लॉग में सबसे जरूरी फैसला जिसके लिए सेबी ने मंजूरी दी है

पहले क्या होता था कि जब हम कोई ट्रेड लेते थे उसके बाद से उसको हम एग्जिट करते थे तो उसका पूरा पेमेंट का स्टेटमेंट हमें 24 घंटे के बाद होता था लेकिन वही SEBI ने बहुत बड़ा बदलाव लिया है और उन्होंने इस नियम को हटाकर एक नया नियम जारी किया है जिसका नाम है T+0 SETTLEMENT इससे क्या होगा कि हम जो भी ट्रेड लेंगे और उसके बाद से उसे एग्जिट करेंगे तो उसी दिन हमें उसका पेमेंट मिल जायेगा इसके बारे में हम निचे बिस्तार से समझाया है आप पूरा इसे पढ़े…

what is T+0 settlement ( T+0 settlement क्या हैं )

T+0 SETTLEMENT जानकारी के अनुसार शेयर मार्केट रेगुलेटरी SEBI ने 28 मार्च से ऑप्शनल बेसिस पर T+0 SETTLEMENT के बीटा वर्जन को लागू करने की मंजूरी दे दी है शुक्रवार को बोर्ड की मीटिंग के बाद सेबी ने कहा है कि बोर्ड ने 25 शेयरो के सीमित सेट के लिए और ब्रोकर के एक सीमित सेट के साथ T+0 SETTLEMENT के बीटा वर्जन को लॉन्च करने का फैसला किया है SEBI ने बताया कि पहले तीन और छह महीने की प्रोग्रेस देखी जाएगी इसके बाद T+0 SETTLEMENT सिस्टम को लेकर आगे फैसला लिया जाएगा आसान शब्दों में कहें तो T+0 का मतलब शेयर की खरीदारी और बिक्री का सेटलमेंट एक ही दिन में हो जाएगा

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T+0 settlement

फिलहाल भारतीय शेयर मार्केट में T+1 SETTLEMENT साइकिल पर काम होता है इसका मतलब है की चौथी के एग्जीक्यूट होने के 24 घंटे में फंड और सिक्योरिटी आपके अकाउंट में आते हैं लेकिन T+0 SETTLEMENT निवेशों के लिए और ज्यादा फायदेमंद साबित होगा क्योंकि इसमें सेटलमेंट का काम और तेज रफ्तार से हो जाएगा हालांकि फिलहाल सभी ने T+0 SETTLEMENT को दो फेस में लागू करने का प्रस्ताव दिया था T+0 SETTLEMENT के पहले फीस में से दे सेटलमेंट लागू किया जाएगा.

इसके बाद खरीदार को उसी दिन शेयर एलॉटमेंट और बेचने वाले को उसी दिन फंड मिल जाएगा मतलब इसमें अगर आप ट्रेंडिंग डे पर 1:30 बजे शेयर का कारोबार करेंगे तो शाम 4:30 बजे तक उसका सेटलमेंट हो जाएगा वहीं दूसरे पेज में 3:30 बजे तक किए गए सभी लेनदेन के लिए एक ऑप्शनल इमीडिएट ट्रेड बाय ट्रेड सेटलमेंट की सुविधा दी जाएगी तो यह तो बात हुई ट्रेडिंग पैटर्न पर हुए बड़े बदलाव की अब SEBI ने और क्या फैसला लिए हैं वह भी जान लीजिए

क्या है SEBI का दूसरा बदलाव

घरेलू निवेश के अलावा कैबिनेट ट्रेड करने में आसानी लाने के लिए फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स यानी एफसी के लिए एक छूट को मंजूरी दी है इस ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत जिस ऐप आएगा 50% से ज्यादा इंडियन इन्वेस्टमेंट किसी एक कारपोरेट में उनके लिए एडिशनल डिस्क्लोजर में छूट दी जाएगी इसके अलावा SEBI ने आईपीओ लाने से जुड़े नियम में भी कई बदलावों को मंजूरी दी है जैसे आईपीओ के इशू साइज का एक पर्सेंट सिक्योरिटी डिपाजिट रखने की शर्त अब हटा दी गई है

इसके साथ ही मिनिमम प्रमोटर कंट्रीब्यूशन तय करने के नियम में भी छूट दे दी गई है जिसमें बिना प्रमोटर टाइप के प्रमोटर कंट्रीब्यूशन का मौका मिलेगा इसके अलावा इशू साइज घटना और बढ़ने पर डीआरएचपी रिफायनिंग में भी छूट की मंजूरी दी गई है कुल मिलाकर रेगुलेटर SEBI  निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ बड़े पैसे लिए हैं जिसमें T+0 SETTLEMENT निवेशको काफी फायदा देने वाला हो सकता है आपको इस पर क्या लगता है हमें जरुर लिख कर बताये

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